अहिंसा परमो धर्मः
															परमपूज्य मुनि श्री आदित्य सागर जी महाराज की प्रेरणा से, उनके भक्तों द्वारा निर्मित इस वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत है।
यह पावन मंच, श्रमण संस्कृति के उन्नायक आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महाराज के परम शिष्य, तपस्वी गुरुवर महाश्रमण मुनि श्री आदित्य सागर जी महाराज को समर्पित है। उनकी वाणी में सहजता, दर्शन में गहराई और चर्या में तप की तेजस्विता है। यह वेबसाइट उनके इन्हीं अमृतमय वचनों और आध्यात्मिक ज्ञान को सहेजकर विश्व भर के श्रद्धालुओं तक पहुँचाने का एक विनम्र माध्यम है।
इस डिजिटल मंच का उद्देश्य पूज्य गुरुवर के ज्ञानमय प्रवचनों, मंगल विहार और जीवन दर्शन के माध्यम से जैन धर्म के शाश्वत सिद्धांतों—अहिंसा, अनेकांत और अपरिग्रह—को जन-जन तक पहुँचाना है, ताकि आप सभी उनके मार्गदर्शन में आत्म-कल्याण का मार्ग प्रशस्त कर सकें।
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आध्यात्मिक विशुद्ध ज्ञान वर्षायोग जयपुर- 2025
मंगल सानिध्य श्रुत संवेगी महाश्रमण मुनिश्री 108 आदित्य सागर जी महाराज ससंघ
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ॐ ignoraay नम:
श्री आदित्य सागर जी एवं मुनि संघ द्वारा रचित ग्रन्थ एवं साहित्य
आध्यात्मिक साहित्य, प्रवचन एवं रचनाओं का संपूर्ण संग्रह
Journey to enlightenment
Timings
प्रवचन : 9:00 AM श्रुतः समाधान : 6:30 PM
Timings
प्रवचन : 9:00 AM श्रुतः समाधान : 6:30 PM
दैनिक समय-सारणी
| प्रातः 3:00–3:30 बजे | पूर्व रात्रिक स्वाध्याय | 
| प्रातः 3:30–4:00 बजे | रात्रिक प्रतिक्रमण | 
| प्रातः 4:00–5:00 बजे | सामायिक | 
| प्रातः 5:00–5:25 बजे | भक्ति / स्तवन / आचार्य भक्ति | 
| प्रातः 5:25–5:40 बजे | स्वस्ति वाचन / आत्म आलोचना पड़ना | 
| प्रातः 5:40–6:00 बजे | पाठ प्रभात वंदना एवं गुरु पूजन | 
| प्रातः 6:00–6:45 बजे | दैनिक चर्चाएं | 
| प्रातः 6:45–7:15 बजे | आधिकमिक / शांति पाठ | 
| प्रातः 7:15–7:35 बजे | नीति कक्षा | 
| प्रातः 7:45–8:20 बजे | स्वाध्याय (मरन काण्डिका) | 
| प्रातः 8:20–10:00 बजे | प्रवचन (नीति सूत्र) | 
| प्रातः 10:00 बजे | आहारचर्या | 
| प्रातः 11:15 बजे | ईश्वर प्रतिक्रमण | 
| मध्याह्न 12:00–2:30 बजे | सामायिक एवं स्वाध्याय अध्ययन | 
| दोपहर 2:30–3:15 बजे | तत्त्वार्थ सूत्र एवं प्राकृत व्याकरण | 
| दोपहर 3:15–4:00 बजे | स्वाध्याय (द्रव्याधिक टोका, ज्ञानाधिक) | 
| सायं 4:00–4:30 बजे | दैनिक चर्चाएं | 
| सायं 4:30–5:30 बजे | प्रतिक्रमण | 
| सायं 5:30–6:15 बजे | भजन मंडली | 
| सायं 6:15–7:30 बजे | भूत समयालोचना / आरती | 
| रात्रि 9:00–9:45 बजे | वैयावृत्ति | 
श्रुत संवेगी महाश्रमण मुनिश्री 108 आदित्य सागर जी महाराज
